What Does mahavidya baglamukhi Mean?

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ॐ ह्लीं क्लीं ऐं बगलमुख्यै गदाधरिन्यै प्रेतासनाध्यसिन्यै स्वाहा यह बगलामुखी का मूल मंत्र है। वह गदा पहनती है और एक शव पर खड़ी होती है। ब्रह्मा, विष्णु, रुद्र और महेश्वर उनके सिंहासन के चार पैर हैं, सदा शिव उनके गद्द हैं।

ज्वल ज्ज्योत्स्ना रत्नाकर मणि विषक्तांघ्रि भवनं स्मरामस्तेधाम स्मरहर हरींद्रेंदु प्रमुखैः । अहोरात्रं प्रातः प्रणय नवनीयं सुविशदं परं पीताकारं परचित मणिद्वीप वसनम् ।।

यह देवी मुख्यतः स्तम्भन कार्य से सम्बंधित हैं फिर वह शत्रु रूपी मनुष्य, घोर प्राकृतिक आपदा, अग्नि या अन्य किसी भी प्रकार का भय ही क्यों न हो। देवी महाप्रलय जैसे महाविनाश को भी स्तंभित करने की क्षमता रखती हैं, देवी स्तंभन कार्य की अधिष्ठात्री हैं। स्तंभन कार्य के अनुरूप देवी ही ब्रह्म अस्त्र का स्वरूप धारण कर, तीनों लोकों की प्रत्येक विपत्ति को स्तंभित करती हैं। देवी का मुख्य कार्य शत्रु की जिह्वा स्तम्भन से हैं। शत्रु की जिह्वा या अन्य किसी भी प्रकार की शक्ति के स्तम्भन हेतु देवी की आराधना की जाती हैं।

She's also known as ‘Pitambari Devi’ as complexion is golden; she wears yellow outfits and sits with a golden throne. Baglamukhi Mahavidya Mantra is portrayed being an indignant goddess who retains a club in her suitable hand with which she kills a demon, while pulling his tongue out together with her left hand.

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देवी पीताम्बरा का नाम तीनों लोक में प्रसिद्ध है, पीताम्बरा शब्द भी दो शब्दों से बना है, पहला ‘पीत‘ तथा दूसरा ‘अम्बरा‘, जिसका अभिप्राय हैं पीले रंग का अम्बर धारण करने वाली। देवी को पीला रंग अत्यंत प्रिय है। देवी पीले रंग के वस्त्र इत्यादि धारण करती है, पीले फूलों की माला धारण करती है। पीले रंग से देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध हैं। पञ्च तत्वों द्वारा संपूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण हुआ हैं, जिनमें से पृथ्वी तत्व का सम्बन्ध पीले रंग से more info हैं। बगलामुखी या पीताम्बरा देवी साक्षात ब्रह्म-अस्त्र विद्या हैं, जिसका तोड़ तीनों लोक में किसी के द्वारा संभव नहीं हैं। सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की शक्ति का समावेश देवी बगलामुखी में हैं।

The Asura requested the Goddess’ pardon. This reveals that unwelcome speech is A significant threat to wicked men and women. On this day, they pray with the paralysis of your evil’s speech and ft.

इति बगलामुखी अथवा पीताम्बरी ध्यानम् ॥

मध्ये सुधाब्धिमणिमण्डपरत्नवेदी- सिंहासनोपरि गतां परिवीतवर्णाम् ।

In summary, Bagalamukhi is recognized as a scorned goddess, well known for paralyzing her enemies and defeating all those who have wronged her by eradicating their tongues; rendering them silent. She's a single the the 10 Mahavidyas and it is the one most associated with magical powers and mystical strengths, which will come into play when her devotees worship her during the privacy of their households.

The identify describes that she is so potent sufficient to fulfil the needs of devotees and make the goal emotionless.

It is believed that worshipping Maa Baglamukhi Temple in Bankhandi, Kangra district enhances one particular's ability and diminishes enemies capabilities, rendering them helpless. This facet of the goddess’s ability underscores her position as a protector and also a formidable force towards adversities.

Bagalamukhi smashes the devotee's misconceptions and delusions (or enemies) with her cudgel. Bagalamukhi is among the 10 sorts of the sensible Devi, symbolizing a strong feminine primeval force.

ॐ ह्लीं ॐ ह्लीं ॐ ह्लीं श्री बगलामुखी महादेव्यै ॐ ह्र्लीं ॐ ह्र्लीं ॐ ह्र्लीं स्वाहा ॐ ह्लीं श्रीबगलामुखी मम सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ॐ ह्लीं पीतांबरायै ह्लीं ह्लीं ब्रह्मास्त्रस्वरूपिण्यै क्लीं ह्लीं शत्रुविनशिन्यै ऐं ह्लीं वेदेश्वर्यै ठं ह्लीं स्तंभनशक्ति देवतायै ह्र्लीं ह्लीं आदिलक्ष्म्यै ह्लीं ह्लीं श्री बगलामुखी महादेव्यै ह्र्लीं ह्र्लीं फट् स्वाहा

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